बिहार के गौरव को भुनाने निकले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार चुनाव में भाजपा की कमान संभालने जा रहे देवेंद्र फडणवीस यहां के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है। बिहार की जनता किस रूप में लेती है यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इतना सच है कि बिहार के भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है। भाजपाइयों में भाग्य खुलने की उम्मीद जगी है।
युवाओं को किया उत्साहित
शनिवार को भाजपा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में देवेंद्र फडणवीस बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और उन्होने बताया कि 25- 26 अगस्त को बिहार आ जाएंगे। इसके बाद पार्टी से जो टास्क मिलेगा उसे पूरी तन्मयता से पूरा करेंगे। आज की वर्चुअल बैठक में उन्होंने बिहार के गौरवशाली इतिहास और बिहार की अस्मिता को रेखांकित कर अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। फडणवीस ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता के माध्यम से भाजपा कार्यकतार्ओं में उत्साह जगाते हुए आह्वान किया कि पार्टी के कार्यकर्ता पत्थर से पानी निकालने वाले हैं। लोगों की तालियां भी मिलीं। उन्होंने बिहार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जमीन पर चाणक्य से लेकर लोकनायक तक को याद किया। भाजपा नेता ने कहा कि माता सीता, गुरु गोविंद सिंह, चाणक्य और सम्राट अशोक इसी बिहार से हैं। उन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि देश में जहां 50 फीसदी तो बिहार में 58 फीसदी युवा हैं। इन्हीं युवाओं की बदौलत हम राज्य को आगे ले जाएंगे।
एनडीए सरकार की तारीफ
फडणवीस ने राजग सरकार की तारीफ कर अपना गठबंधन धर्म भी निभाया। उन्होंने कहा कि इस बार होने वाला चुनाव बिहार का भाग्य है। यह चुनाव बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और नया इतिहास बनेगा। पिछले 15 सालों में बिहार विकास की पटरी पर आया है। अगर इसे दौड़ानी है तो बिहार में भी एनडीए सरकार जरूरी है। उन्होंने कहा क्यों नहीं पूरा विश्वास है कि बिहार एक बार फिर अपने गौरवशाली अवश्य प्राप्त करेगा। कोरोना औऱ बाढ़ की चर्चा करते भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्साहित करते हुए फडणवीस ने कहा कि कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती। भाजपा कार्यकर्ता इसी संघर्ष और चुनौती में लोगों से संपर्क करें। लोगों को केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएं।
विरोधियों पर वार
उन्होंने कहा कि लालू यादव के शासनकाल में बिहार विनाश के कगार पर औऱ गर्त में चला गया था। राजद के कार्यकाल में बिहार 25 से 30 साल पीछे चला गया। एनडीए ने 15 साल में दोगुनी क्षमता से काम करते हुए बिहार को यहां तक लाया है। यह ऐतिहासिक मौका है और इसे हमें चूकना नहीं है। एनडीए सरकार ने कमजोर तबके तक विकास को पहुंचाया है। 20 लाख करोड़ का पैकेज ही नवभारत की नींव है।
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