अररिया और बांका में डायवर्जन बह गए, गंगा में समाया कटाव निरोधक कार्य
अररिया से किशनगंज और सिल्लीगुड़ी जाने वाले वाहनों को हुआ मुश्किल
बांका में डायवर्जन बहने पर बिहार का झारखंड व बंगाल से सीधा सड़क संपर्क टूट गया
सुपौल की बैरिया पंचायत में कटाव से 40 घर नदी में हुए विलीन
कटिहार के मनिहारी में सात मीटर बोल्डर गंगा में डूबने से मचा हड़कंप
पश्चिम चंपारण में गंडक बाराज से छूटा 1.49 लाख क्यूसेक पानी
मधुबनी में कमला खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से पानी आने से उत्तरबिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बरसाती नदियां भी उफान पर है। ग्रामीण इलाकों में जनजीवन प्रभावित हो गया है ।
बांका के पंजवारा स्थित चीर नदी पर बना डायवर्जन पानी के तेज बहाव में शुक्रवार देर रात करीब तीन बजे बह गया। जिससे इस मार्ग होकर आवागमन बंद हो गया। डायवर्जन टूटने से एक बार फिर बिहार का झारखंड व बंगाल से सीधा सड़क संपर्क भंग हो गया। बीते सप्ताह भी पानी के तेज बहाव में यह डायवर्जन बह गया था।
शनिवार को अररिया के पलासी प्रखंड के मेहरो चौक के पास धर्मगंज मुख्यमंत्री सड़क 20 फीट ध्वस्त होने से करीब एक दर्जन गांव का संपर्क भंग हो गया है। एनएच 327ई पर डायवर्जन बहने से अररिया से जोकीहाट होते किशनगंज और सिल्लीगुड़ी जाने वाले वाहनों के आवागमन की समस्या पैदा हो गई है। डायवर्जन बहने से शहरी क्षेत्र की घनी आबादी वाले मोहल्लों में ट्रैफिक पर दबाव बढ़ने से जाम की समस्या बन गई। मोहल्ले वासियों के लिए पैदल चलना भी दुश्वार हो गया।
स्थानीय लोग तो ये भी कहते हैं कि कोसी धार में पानी के बढ़ते दबाव को देखते हुए तोड़ दिया गया, ताकि पानी की निकासी हो सके। अररिया एसडीओ शैलेश चन्द्र दिवाकर ने बताया कि बड़ी गाड़ियां का पहले से ही इस मार्ग होकर गुजरने पर रोक है। छोटी गाड़ियां बगल होकर आवाजाही कर रही है।
सुपौल की बैरिया पंचायत में कटाव से 40 घर नदी में विलीन हो गए। जबकि चकला टोला में स्कूल और धुरन गांव जाने वाली सड़क पर भी पानी फैल गया। वहीं, कटिहार के मनिहारी में शनिवार को सात मीटर से अधिक कटाव निरोधक कार्य गंगा में समा गया है। इससे बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं के बीच हड़कंप मच गया। सूचना पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता अनिल कुमार अधीक्षण अभियंता सहित अन्य जूनियर के साथ कटाव निरोधक कार्य स्थल पर कैंप किए हुए हैं।
बायसी अनुमंडल होकर बहने वाली महानंदा, परमान और कनकई तीनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई। अनुमंडल क्षेत्र के इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया। बायसी, बैसा एवं अमौर प्रखंड क्षेत्र में 1400 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।
बिहार में मूसलाधार बारिश के दौरान वज्रपात भी हो रहे हैं। वैशाली जिले के महुआ में ताड़ का पेड़ गिर गया और पेड़ धू धु कर जलने लगा।
15 दिनों में ठनका ने बिहार के 100 लोगों की ली जान
इस मौसम में एक दिन में सर्वाधिक 25 मौत शुक्रवार को हुई है।
रोहतास पर सबसे ज्यादा कहर, इस साल 16 की गई जान
बिहार में 15 जुलाई तक कुल ढाई माह में ही 152 मौतें हुई हैं।
पिछले छह साल में हुई मौतें
वर्ष - मौतें
2018 - 139
2019 - 269
2020 - 435
2021 - 213
2022 - 392
15 जुलाई 2023 तक - 159
यह बरतें सावधानी :
- मौसम खराब रहने पर घर से नहीं निकलें।
- बिजली, टेलीफोन खंभों के नजदीक न जाएं।
- पेड़ विशेषकर एकाकी पेड़ के नीचे शरण न लें।
- लोहे की छड़ी वाले छाते का उपयोग न करें।
- सफर के दौरान अपने वाहन में ही बनें रहें।
- बिजली चमकने वक्त मोबाइल से बात न करें।
- बिजली के उपकरणों के संपर्क से दूर रहें।
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