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Sunday 25 July 2021

शिव जलाभिषेक करने पर हर दुख से मिलता है छुटकारा (One gets rid of all sorrows by worshiping Jalabhishek Shiva)

पूरा महादेव बागपत में जलाभिषेक 


आज सावन का पहला सोमवार है। हर कष्ट से छुटकारा पाने का मौका है। हर दुखों के निवारण का अवसर है। आज जो सच्चे मन (in the truth way) से शिव का जलाभिषेक (Jalabhishek) करते हैं। उन्हें हर समस्या का निदान (solution) मिल जाता है। हम सब जानते हैं कि सनातन धर्म के अनुसार महादेव की कृपा (courtesy) यदि हमें प्राप्त हो जाए तो हम चिंतामुक्त (tension Free) हो जाएंगे। देवों के देव महादेव (Mahadev) के स्मरण मात्र से हमारा मन पवित्र हो जाता है। हम महादेव का सानिध्य प्राप्त कर लेते हैं। पुराणों में उल्लेख है कि शिव सृष्टि को चलाने के लिए  विविध कर्म बनाए हैं। उनमें आस्था, समर्पण, भक्ति और अराधना वे रास्ते हैं, जिनपर चलकर हम सत्कर्म की ओर प्रेरित होते हैं। सत्कर्म से मनुष्यों में अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं। धीरे-धीरे लोगों के व्यवहार में भी परिवर्तन शुरू हो जाता है। मनुष्यों में देवांश परिमार्जित हो जाता है। वे कष्टों से मुक्त होने लगते हैं। भगवान शिव भोले हो जाते हैं। वे अपने भक्तों को कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं। अब बड़ा प्रश्न यह उठता है कि देवों के देव महादेव को प्रसन्न कैसे करें। उनका आशीर्वाद कैसे प्राप्त हो।

ऐसे प्राप्त कर सकते हैं भगवान शिव का सानिध्य

देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय है उनके प्रति समर्पण का भाव पैदा करना। जब हमारे मन और व्यवहार में त्वदीयं गोविंदम तुभ्यमेव समर्पयेत घर कर जाता है। हम अपने और पराये में  भेद करना छोड़ देते हैं तो निश्चित रूप से भगवान शिव की कृपा बरसती है। हमें शिवलिंग पर जलाभिषेक करते वक्त कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए।


सोमवार (monday) को जलाभिषेक से ज्यादा प्रसन्न होते हैं महादेव

यदि आप रोजगार की तलाश कर रहे हैं। आपको नौकरी नहीं मिल रही है। आपको व्यापार में हानि हो रही है तो निश्चित रूप से सावन माह में हर सोमवार को दूध मिश्रित गंगाजल से नियमपूर्वक जलाभिषेक करना चाहिए। सामान्य गृहस्थ को भी भगवान शिव के लिए समय पर जलाभिषेक करना चाहिए। उनके जीवन से आर्थिक तंगी खत्म हो जाएगी।  यदि मन प्रस्न्न रहेगा तो सेहत भी ठीक रहता है। मन से सेहत का सीधा कनेक्शन है। लोग करते हैं जैसा होगा मन, वैसा मिलेगा प्रतिफल।

सवाल उठता है कैसे करें जलाभिषेक

जलाभिषेक का सीधा अर्थ है शिवलिंग पर शुद्ध मन से जल अर्पित करना। शिव भाव के भूखे हैं। उनके प्रति श्रद्धालु की भावना ही महत्वपूर्ण है। जिस श्रद्धा और शुद्धता के साथ भक्त भगवान को याद करेंगे उसी रूप में  प्रतिफल भफी मिलता है। इसके बावजूद हमें खास नियमों का पालन करें तो भगवान का आशीष जल्द मिलता है। हम उसकी चर्चा यहां करेंगे। भगवान भोलेनाथ पर हम साल भर में  कभी भी जलाभिषेक कर सकते हैं। पर सावन शिवशंकर औघड़दानी का पसंदीदा महीना है। इस कारण सावन और उसमें  सोमवार को जलाभिषेक किया जाए तो अनिवार्य रूप से हमें लाभ मिलता है। एक बात का हमेशा ख्याल रखें कि जहां आप जलाभिषेक कर रहे हैं वहां नंदी का गवाह जरूरी है। जलाभिषेक तभी पूर्ण माना जाता है जब नंदी उसे देख रहे हों।

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जलाभिषेक के दौरान शिव को ये अर्पित करें

भगवान भोलेनाथ के बारे में  चर्चित है कि उन्हें आडंबर नहीं चाहिए। शुद्ध जल और शुद्ध विचार के साथ कोई भी उनका जलाभिषेक कर सकता है। फिरभी जलाभिषेक से पूर्व हमें कुछ ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले हम जल को शुद्ध करते हैं चाहे वह सामान्य जल हो या गंगाजल। जलाभिषेक के लिए जल संकल्पित होना चाहिए।  जल का संकल्प आप स्वयं कर सकते हैं या पुरोहित से करा सकते हैं। जल के साथ-साथ पूजन सामग्री को भी शुद्ध करें। सबसे पहले हाथ में कुश और जल लेकर मंत्रोचार करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः।

इसके बाद अक्षत, पान, फूल,  सुपारी के ऊपर पानी के छींटे डालें। साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भगवान शिव को बेलपत्र और धतुरे के फूल ज्यादा पसंद है। जलाभिषेक से पूर्व इन चीजों को भगवान शिव पर अर्पित करें।

 

किन मंत्रों के साथ हम भगवान शिव का करें ध्यान

भगवान शिव की अराधना के लिए सबसे प्रबल और असरदार मंत्र - ऊं नमः शिवाय है। हम कहीं भी हों किसी रूप में हों। हम विपत्तियों से घिर गए हो तों इस मंत्र से भगवान शिव का ध्यान करना करना चाहिए। भगवान शिव हमें तत्काल इन विपत्तियों से बाहर करते हैं।

 एक और महामंत्र है जो तुरंत लाभ पहुंचाता है। वह है महामृत्युंजय (Mahamrityunjay) जाप। 108 बार महामृत्युंजय जाप करने से फौरन लाभ मिलता है। यह सर्वसिद्ध मंत्र है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

 

यह मंत्र भी बहुत ही फलदायी है -

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनायभस्मांग रागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नमः शिवाय।

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रथमनाथ महेश्वराय। मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय  तस्मे म काराय नमः शिवाय।

शिवाय गौरी  वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वकनाशकाय। श्रीनीलकंछाय वृषभद्धजाय तस्मै शि कराय नमः शिवाय।

अवन्तिकायां विहितावतारंमक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम। अकालमृत्योः परिरक्षणार्थ वंदे महाकालमहासुरेशम।

 

उक्त मंत्रों के अलावा भगवान शिव का ध्यान इन मंत्रों से भी करें।

 ॐ ममलेश्वाराय नमः

ॐ नागेश्वराय नमः

ॐ भुतेश्वराय नमः 

ॐ अन्गारेश्वराय नमः 

ॐ समेश्वरायनमः

 ॐ भामेश्वराय नमः



1 comment:

  1. ऊं नमः शिवाय। हर-हर महादेव लिखें और भगवान शिव के कृपापात्र बनें।

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